
धार्मिक स्थल भैरव मंदिर , शिव का एक रूप, भैरव मंदिर , शिव का एक रूप, अल्मोड़ा के मंदिरों को आसानी से दो समूहों द्वारा विभाजित किया जा सकता है, शैवती मंदिरों में शिव के महिला स्वरूप के लिए समर्पित मंदिर शामिल हैं। पहले समूह में त्रिपुरा सुंदरी, उदयोत चन्देश्वर और परबतेश्वर का निर्माण १६८८ में अल्मोड़ा के शासक उदयोत चंद की डोटी और गढ़वाल में विजय की उपरांत लाला बाजार के ठीक ऊपर की पहाड़ी पर करवाया |परबतेश्वर के मंदिर को फिर 1760 में अल्मोड़ा के तत्कालीन शासकों, दीप चंद के द्वारा संपन्न किया गया था और इसका नाम बदल कर दीपचंदेश्वर कर दिया गया था। इस वर्तमान मंदिर को नंदा देवी मंदिर कहा जाने लगा जब श्री ट्रेल,प्रसिद्ध ब्रिटिश संभागीय आयुक्त कुमाऊँ द्वारा नंदा की छवि को हटा दिया गया| भोला नाथ के क्रोध को दूर करने के लिए ज्ञान चन्द के शासनकाल में फिर से भैरव के आठ मंदिर, शिव का एक रूप बनाया गया। य़े हैं : काल भैरव बटुक भैरव शाह भैरव गढ़ी भैरव आनंद भैरव गौर भैरव बाल भैरव खुत्कुनिया भैरव ऐसा लगता है कि शिव के आठ गेटों को आठ भैरवों द्वारा देखा जाता है| यहाँ नौ दुर्गा स्वरूपों को समर्पि...