उत्तराखंड के पंवार वंश का इतिहास
उत्तराखंड के पंवार वंश का इतिहास | History of Panwar Dynasty of Uttarakhand By Suresh Guruji परमार या पंवार वंश | Parmar or Panwar Dynasty चांदपुर में परमार वंश या पंवार वंश की नींव पड़ी। चांदपुर गढ़ का प्रतापी शासक भानुप्रताप था। परमार वंश का संस्थापक कनकपाल था। पंवार वंश का प्राचीनतम अभिलेख 1455 ई0 का राजा जगतपाल का मिला। प्राचीनतम अभिलेख देवप्रयाग के रघुनाथ मन्दिर से प्राप्त हुआ। एटकिंसन द्वारा दी गई पंवार शासकों की सूची को अल्मोड़ा सूची कहा जाता है। पंवार राजाओं की सूची के बारे में 04 अलग-अलग सूची प्राप्त है। विकेट की सूची सर्वाधिक मान्य है क्योंकि यह सूची सुदर्शन शाह के सभासार ग्रंथ से मेल खाती है। पंवार वंश के कुल 60 शासक हुये। गढ़वाल वर्णन पुस्तक के लेखक हरिकृष्ण रतूड़ी है। गढ़वाल जाति प्रकाश पुस्तक के लेखक बालकृष्ण शांति भट्ट है। प्रसिद्ध गढ़वाली मुद्राएं | Famous Garhwali Currencies – पंवार वंश फतेहशाह ने अष्टकोण रजत मुद्रा जारी की थी। जउ एक प्रकार की मुद्रा जो लद्दाख टकसाल में बनती थी। 1 तिमारी बराबर 10 टका होता था। 40 टका बराबर एक गढ़वाली रूपया होता था। 50 टका बराबर एक फर्र