उत्तराखंड की प्रमुख जनजाति | Uttarakhand Tribes भोटिया राज्य में तिब्बत एवं नेपाल के सीमावर्ती भागों को भोट प्रदेश कहते हैं। भोट प्रदेश में निवास करने वाले लोगों को भोटिया कहा जाता है। भोटिया जनजाति के लोग अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़ व उत्तरकाशी के क्षेत्रों में फैले हैं। भोटिया लोग मंगोल प्रजाति के वंशज है। भोटिया लोग हिमालय के तिब्बती बरमन परिवार से संबंधित बोलियां बोलते हैं। भोटिया युवक पाजामा, कोट में पहाड़ी टोपी पहनते हैं तथा युवती ऊँची बाहों वाला कोट पहनती है जिसे चुंग कहते हैं। महिलाएं कमर से नीचे तक का कुर्ता पहनती है जिसे फूया बेल कहते हैं। मूंगे की माला भोटिया महिलाओं का मुख्य आभूषण होता है। भोटिया लोग बैग, गावला, रैगचिम देवताओं की पूजा करते हैं। भोटिया जनजाति में अपहरण विवाह की प्रथा प्रचलित है। यह लोग हुड़के वाद्ययंत्र बजाकर मनोरंजन करते हैं। यह कृषि तथा पशुपालन द्वारा अपनी आजीविका कमाते हैं। जौनसारी जौनसारी उत्तराखंड का सबसे बड़ा जनजातीय समुदाय है। जौनसारी जनजाति देहरादून जिले की पहाड़ियों पर निवास करती है। जौनसारी जनजाति के लोग पांडवों को अपना पूर्वज मानते
1-स्रोत भाषा में व्यक्त विचारों को लक्ष्य भाषा में अभिव्यक्त करने की प्रक्रिया को कहते हैं उत्तर -अनुवाद 2- मनोहर श्याम जोशी की सिल्वर वेंडिंग कहानी का मुख्य पात्र है उत्तर -यशोधर बाबू 3- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने निम्न में से किस पत्रिका का संपादन किया उत्तर- मतवाला 4- पासपोर्ट को हिंदी में कहते हैं उत्तर -पारपत्र 5-घोड़ा का पर्यायवाची शब्द है उत्तर -हय 6⃣बघेली किस उपभाषा की बोली है उत्तर -पूर्वी हिंदी की 7-निम्नलिखित में से क्रिया के सही भेद हैं सकर्मक ,अकर्मक √ सकर्मक अकर्मक सकर्मक अकर्मक उपर्युक्त में से कोई नहीं 8- निम्नलिखित में से अशुद्ध वाक्य है A-वहां बहुत से पशु और पक्षी उड़ते और चढ़ते हुए दिखाई दिए B-देशभर में यह बात फैल गई C-बाघ और बकरी एक घाट पर पानी पीते हैं D-न जाने कितनी जीव पैदा होती हैं उत्तर -A 9-निम्नलिखित में से दंतओष्ठ ध्वनियां हैं उत्तर- व,फ 10-किसी भी विचाराधीन पत्र अथवा प्रकरण को निपटाने के लिए उस पर राय मंतव्य अथवा आदेश निर्देश दिया जाता है को कहते हैं उत्तर -टिप्पण 11-कुश+ आसन में संधि है उत्तर -दीर्घ संधि 12- जो शब्द लिंग वचन काल के अनुसार नहीं ब
उत्तराखंड की प्रमुख मंदिर केदारनाथ मंदिर  भगवान शिव का यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में है शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है यहां भगवान शिव के पिछले भाग की पूजा होती है इस मंदिर का जीर्णोद्धार आदि गुरु शंकराचार्य ने कराया मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है समुद्र तल से 3584 मीटर ऊंचाई पर स्थित है केदारनाथ मंदिर कत्यूरी शैली में बना है इस मंदिर का निर्माण भूरे रंग का प्रयोग हुआ है मंदिर के गर्भगृह में त्रिकोण आकृति की ग्रेनाइट सिला की पूजा भक्तगण करते हैं राहुल सांकृत्यायन ने मंदिर निर्माण काल 10 से 12 वीं सदी बताया केदारनाथ में पूजा करने वाली पुजारियों को रावल कहा जाता है जो मैसूर के जंगम ब्राह्मण होते हैं रावल पुजारियों का निवास स्थान उखीमठ है केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्यालय उखीमठ में है शरद ऋतु में भगवान केदारनाथ का निवास स्थान उखीमठ के ओमकारेश्वर शिव मंदिर में है केदारनाथ के निकट गांधी सरोवर व वासुकी ताल है केदारनाथ में भगवान शिव की पांच मुख वाली प्रतिमा है केदारनाथ मंदिर 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर बना है केदारनाथ भगवान की पूजा ब्रह्मकमल चढ़ाकर भी की जाती है 18 वीं
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